हालांकि वैसे भी कायस्थ और ब्राह्मण परिवारों में शिक्षा-दीक्षा
का अपेक्षाकृत बेहतर माहौल रहता है,पर कंठ परिवार की प्रगति देख-सुन कर मुझे उनके माता-पिता के बारे में जानने की इच्छा होती है।
मैं कभी विनय कंठ परिवार के किसी सदस्य से नहीं मिला।पर उनकी उपलब्धियों के बारे में पढ़ता-सुनता रहा हूं।
हाल में जब विनय जी का निधन हुआ तो मुझे उन पर गुस्सा भी आया।समाज के लिए इतना बहुमूल्य जीवन कम ही उम्र में हमारे बीच से उठ गया।क्या उन्होंने अपने आहार-विहार में संयम नहीं रखा था ?
मेरा मानना है कि जिन हस्तियों की ओर समाज उम्मीद भरी नजरों से देखता है,उन्हें किसी भी कीमत पर अपने स्वास्थ्य को भी आदर्श बना कर रखना चाहिए।
खैर अभी बात उनके माता-पिता की।
उनकी संतानों ने प्रशासन, शिक्षा, चिकित्सा तथा विधि के क्षेत्रों में यदि शीर्ष स्थान पाया तो उसके पीछे उनके माता -पिता का बड़ा योगदान रहा होगा।कल्पना ही कर सकता हूं कि उन्होंने कैसे कुशल कारीगर की तरह मूत्र्तियां गढ़ी होंगी।
उनके बारे में यदि कभी कोई कुछ लिखे तो अन्य लोगों को भी प्रेरणा मिलेगी ।
का अपेक्षाकृत बेहतर माहौल रहता है,पर कंठ परिवार की प्रगति देख-सुन कर मुझे उनके माता-पिता के बारे में जानने की इच्छा होती है।
मैं कभी विनय कंठ परिवार के किसी सदस्य से नहीं मिला।पर उनकी उपलब्धियों के बारे में पढ़ता-सुनता रहा हूं।
हाल में जब विनय जी का निधन हुआ तो मुझे उन पर गुस्सा भी आया।समाज के लिए इतना बहुमूल्य जीवन कम ही उम्र में हमारे बीच से उठ गया।क्या उन्होंने अपने आहार-विहार में संयम नहीं रखा था ?
मेरा मानना है कि जिन हस्तियों की ओर समाज उम्मीद भरी नजरों से देखता है,उन्हें किसी भी कीमत पर अपने स्वास्थ्य को भी आदर्श बना कर रखना चाहिए।
खैर अभी बात उनके माता-पिता की।
उनकी संतानों ने प्रशासन, शिक्षा, चिकित्सा तथा विधि के क्षेत्रों में यदि शीर्ष स्थान पाया तो उसके पीछे उनके माता -पिता का बड़ा योगदान रहा होगा।कल्पना ही कर सकता हूं कि उन्होंने कैसे कुशल कारीगर की तरह मूत्र्तियां गढ़ी होंगी।
उनके बारे में यदि कभी कोई कुछ लिखे तो अन्य लोगों को भी प्रेरणा मिलेगी ।
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