मैंने मंडल आरक्षण विवाद के समय पूरी ताकत से लालू प्रसाद और अन्य आरक्षण समर्थकों के पक्ष में लिखा था।जनसत्ता की फाइल में मेरे वे लेख आपको मिल जाएंगे।
मैं बिहार विधान सभा के प्रेस रूम में भी आरक्षण के पक्ष में अक्सर बोलता था।
पूर्व कांग्रेसी विधायक हरखू झा उसके गवाह हैं।मैं आरक्षण विरोधियों से कहता था कि ‘गज नहीं फाड़ोगे तो थान हारना पड़ेगा।’
आप कल्पना कीजिए कि आरक्षण विरोधी लोग इस पर मुझसे कितना नाराज रहते होंगे।
मेरे एक रिश्तेदार ने तो कहा था कि आप पगला गए हैं।
जनसत्ता में मेरा एक लेख पढ़कर तो तब लालू यादव ने कहा था कि ‘आरक्षण के सही ढंग से सुरेन्दरे भइआवा समझले बा।’
पर बाद के वर्षों में लालू प्रसाद ने जो कुछ किया,उसे कोई पत्रकार कैसे नजरअंदाज कर सकता था ?@26 दिसंबर 2017@
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