मंगलवार, 26 दिसंबर 2017

चर्चित पत्रकार वीरेंद्र कुमार यादव ने बिहार का सामाजिक -राजनीतिक 
इनसाइक्लोपीडिया प्रकाशित किया है।
  इस पुस्तक में सांसद-विधायकों की जाति से लेकर जातीय चरित्र तक का बेबाक विश्लेषण है।
कुछ ऐसी बातें भी हैं जो लिखने की हिम्मत कम ही लोगों में है।
 पहले पेज पर ही लेखक ने लिखा है कि यह हर उस व्यक्ति के लिए उपयोगी है जिन्हें बिहार में एम.पी-एम.एल.ए.बनना है।
   औरंगाबाद जिले के डिहरा के मूल निवासी वीरेंद्र यादव दशकों से पटना में पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं।
 वीरेंद्र मेहनती हैं।विनम्र हैं।युवा हैं।जानने लायक सामग्री जुटाते रहते हैं।
कुछ कड़वी सच्चाइयां भी  लोगों को बताते  हैं।
बौद्धिक जगत में समाज के विभिन्न तबकों का अब तक 
किस तरह प्रतिनिधित्व नहीं हो सका है,उसे आंकड़ों के साथ वीरेंद्र यादव ने इस पुस्तक में बताया है।
आप उनकी कुछ बातों से असहमत हो सकते हैं,पर उन हकीकतों को नजरअंदाज नहीं कर सकते जो समाज में प्रचलित है।
 वीरेंद्र ने भोपाल के प्रतिष्ठित माखन लाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई की है।हिन्दुस्तान,और प्रभात खबर में काम कर चुके हैं।अभी नौकरशाहीडाॅटकाम न्यूज पोर्टल चलाते हैं।
बिहार पर एक साथ बहुत सी जानकारियां वाला जिस तरह का इनसाइक्लोपीडिया वीरेंद्र ने तैयार की है,वह बहुत ही मेहनत वाला काम है।
ऐसी जानकारियां वाली पुस्तक तैयार करने  वाले वीरेंद्र से यदि आप संपर्क करना चाहेंेगे तो उसके लिए उन्होंने अपने मोबाइल नंबर भी लिख दिये हैं। वे हैं - 9431094428 और 9199910924 . 
वीरेंद्र का यह काम  मुझे अच्छा लगा तो मैंने सोचा कि इसकी सूचना मैं भी अपनी ओर से जाहिर करूं ।

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