सोमवार, 26 मार्च 2018

बिहार में स्कूटर पर सांड़ ढुलवाने की घटना  इसलिए सुर्खियों में
आई क्योंकि ऐसा करने वालों को मुख्य मंत्री का संरक्षण हासिल था। झारखंड में भी मुख्य मंत्री ने धान ढोने वालों को संरक्षण दिया हो और उसका कागजी सबूत उपलब्ध हो तो वह खबर प्रमुखता से छपनी ही चाहिए थीं।
लालू सरकार के पहले पशुपालन मंत्री राम जीवन सिंह थे।उन्होंने 
1990 में ही मुख्य मंत्री को एक नोट लिखा।उसके साथ सी.ए.जी.की रपट संलग्न की।सी.ए.जी.की रपट में सबूत के साथ यह बात दर्ज थी कि स्कूटर 
पर सांड़ ढोए गए।भ्रष्टाचार के कुछ अन्य सबूत भी थे।
राम जीवन सिंह ने सिफारिश की कि पशुपालन विभाग के घोटाले की सी.बी.आई.से जांच होनी चाहिए।जांच तो नहीं ही हुई,उल्टे राम जीवन सिंह से पशु पालन विभाग छीन लिया गया।
बाकी बहुत सारी कहानियां अखबारों में आ चुकी हैं।पर वह चारा घोटाले की पहली कहानी थी।घोटालेबाजों को बचाने की शुरूआत थी।
@एक सवाल के जवाब मेें @

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