शुक्रवार, 23 मार्च 2018

कल 23 मार्च को डा.राम मनोहर लोहिया का जन्म दिन 
है।उस अवसर के लिए दो  शब्द
------------
प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी राम नंदन मिश्र लिखते हैं--
1962 के चुनाव में पिट कर  राम मनोहर काशी 
की गंगा में मेरे साथ एक नौका में बैठे विचार मंथन कर रहे थे।
वे मुझसे पूछते हैं, ‘राम नंदन, इस तरह क्यों हो रहा है ?
मैं उनसे कहता हूं, ‘ राम मनोहर, चरित्र हीनता और उन्मत्तता
के ताण्डव नृत्य के बीच तुम सृजन की क्रिया नहीं कर सकते।
इस सड़ी हुई समाज की धरती में सर्वोदय या समाजवाद जिसका भी पौधा डालोगे, वह सड़ेगा ही।’
  1967 के चुनाव में लोहिया  कांग्रेस को राजसत्ता के एकाधिकार से गिराने में तो सफल हो गए,लेकिन सृजन के काम में सफल नहीं हुए।अतृप्त भोगों की वासना और अवसरवादिता उनकी अपनी जमत में भी जलती ही रही।’


कोई टिप्पणी नहीं: