बुधवार, 7 मार्च 2018

कम्प्यूटर,लैपटाप, टैब और स्मार्ट फोन के असीमित इस्तेमाल 
का पहला कुप्रभाव गर्दन पर पड़ता है।नतीजतन .. सर्वाइकल स्पोंडोलाइटिस।उसकी कारगर दवा होमियोपैथ में है।
वैसे इसके बारे में हड्ी विशेषज्ञ डाण्दिवाकर ने कुछ सावधानियां बताईं हैं।
कभी बरतता हूं एकभी नहीं ।वैसे नियंत्रित में है।पर इस बीमारी से 
हर तरह की कार्य क्षमता कम से कम 25 प्रतिशत कम हो जाती है।
अन्य लोग खास कर नौजवानों से कह रहा हूं। चेतना है तो अभी से चेत जाइएं।अन्यथाण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्।
दूसरा असर डालता है आखों पर।
इस संबंध में नेत्र रोग विशेषज्ञ डाण्सुनील कुमार सिंह ने कुछ एहतियात बताए हैं।उनका भरसक पालन करता हूं।
साथ ही पतंजलि के दृष्टि ड्राॅप के इस्तेमाल के कारण आंखें अब भी साथ दे रही हैं।
चीनी छोड़ गुड़ खाने के विनोद सिंह @आक्सीजन@के अभियान का भी मुझ पर अच्छा असर पड़ा है।हालांकि पहले से भी मैं इस मामले में थोड़ा सावधान रहा ।
नमक से बचने के लिए रात में मैं सिर्फ दूध .रोटी खाता हूं।उसमें गुड़ स्वाद बढ़ा देता है।
पर रासानिक खाद.कीटनाशक दवाओं का क्या करूं ?
मैं जब छोटा था और गांव में रहता था तो हमारे विधायक जगलाल चैधरी रासायनिक खाद के खिलाफ किसानों को चेतावनी दिया करते थे।
पर अधिक फसल के लोभ में लोगों ने उनकी बात नहीं मानी।
उसके कुप्रभाव अब सामने आ रहे हैं।
अब लोग धीमी गति से जैविक खाद की ओर लौट रहे हैं।इस संबंध में सरकार का प्रयास भी सराहनीय है।पर पर्याप्त नहीं।

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