चुनावी जीत के बाद उत्साही भाजपा कार्यकत्र्ताआंे ने
दक्षिण त्रिपुरा में लेनिन की मूत्र्ति को बुल डोजर से तोड़ दिया।
उम्मीद है कि भाजपा के जिम्मेदार नेता इस कृत्य की आलोचना करेंगे।
भले नब्बे के दशक में सोवियत संघ में लेनिन की मूत्र्ति तोड़ी गयी। 2014 में यूके्रन में वही हुआ।
पर अपना देश लोकतांत्रिक है।यहां विचारों से विचारों को हराइए।
हिंसा या तोड़फोड़ से नहीं ।अन्यथा, चुनाव जीतने के बाद कुछ लोग कहीं श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूत्र्ति तोड़ने लगेंगे तो भाजपाइयों को कैसा लगेगा ?
दक्षिण त्रिपुरा में लेनिन की मूत्र्ति को बुल डोजर से तोड़ दिया।
उम्मीद है कि भाजपा के जिम्मेदार नेता इस कृत्य की आलोचना करेंगे।
भले नब्बे के दशक में सोवियत संघ में लेनिन की मूत्र्ति तोड़ी गयी। 2014 में यूके्रन में वही हुआ।
पर अपना देश लोकतांत्रिक है।यहां विचारों से विचारों को हराइए।
हिंसा या तोड़फोड़ से नहीं ।अन्यथा, चुनाव जीतने के बाद कुछ लोग कहीं श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूत्र्ति तोड़ने लगेंगे तो भाजपाइयों को कैसा लगेगा ?
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