मंगलवार, 13 मार्च 2018

  इस देश में एक हजार से अधिक ऐसे डिफाॅल्टर्स  हैं जिनमें से हर व्यक्ति के यहां सरकारी बैंकों के 50 करोड़ रुपए से अधिक राशि  बाकाया  है । जानबूझ कर वे कर्ज वापस नहीं कर रहे हैं।
  ऐसे लोगों के खिलाफ मोदी  सरकार ने कड़ी कार्रवाई का 
निर्णय किया है।
इस सिलसिले में उनके पासपोर्ट भी जब्त हो सकते हैं।
सरकार की मंशा है कि इनमें से कोई नीरव मोदी जैसा भगोड़ा न बनने पाए।
पर दिक्कत यह है कि सरकारें घोषणा पहले कर देती है और कार्रवाई बाद में।
नतीजतन कई बार पंछी को उड़ जाने का मौका मिल जाता है।
  अरे भई, बिना घोषा किए पहले तुरंत एक हजार लोगों के पासपोर्ट जब्त कर लेने में क्या दिक्कत थी ? उसके बाद ही पचास करोड़ी के बारे में कोई जानकारी जाहिर करते !  
  प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों संसद में ठीक ही कहा कि  यू. पी. ए. सरकार के दौरान कांग्रेस की मिली भगत से पूंजीपतियों को दिए गए 52 लाख करोड़ रुपए के बैंकों के कर्ज डूब गए।
कर्ज की अदायगी नहीं होने पर बैंकों का यह पैसा एन.पी.ए.में बदल गया।
ऐसे में तो मोदी सरकार को अब ऐसा फूलप्रूव इंतजाम करना चाहिए  ताकि किसी अन्य  बैंक लुटेरे को देश छोड़ कर भागने का अवसर न मिले।उम्मीद की जानी चाहिए कि वैसा इंतजाम अब होगा। 
  

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