बुधवार, 14 मार्च 2018

कल के दैनिक ‘जागरण’ में दीनानाथ सहनी ने यह खबर दी है कि बिहार में सूचना मांगने वाले करीब 600 लोगों पर झूठे मुकदमे दर्ज कराने के मामले सामने आए हैं।
बक्सर के शिव प्रकाश ने बताया कि ‘मुझे रंगदारी मांगने के झूठे मुकदमे में इसलिए फंसा दिया  कि जिला पुलिस में व्याप्त वित्तीय अनियमितता की जानकारी मांगी थी।’
  जो खबर दीनानाथ सहनी ने दी है, कमोवेश वही हाल पूरे देश का है।सूचना अधिकार कार्यकत्र्ता जहां -तहां मारे भी जा रहे हैं।
 भ्रष्टाचार का राक्षस सूचना के अधिकार कानून जैसे अच्छे कानून को भी चबा रहा है।
 आखिर अब इस राक्षस से निपटने का क्या उपाय है ?
एक बात मेरे दिमाग में आती है।
सूचना अधिकार कार्यकत्र्ताओं को चाहिए कि वे देश भर में ‘स्टिंग आपरेशन दस्ते’ बनाएं।इसके लिए लोग उन्हें चंदा भी दे सकते हैं।
पर कुछ चैंकाने वाले काम दिखाने के बाद।
इससे सूचना अधिकार कानून का गलत इस्तेमाल करने वाले लोग भी छंट जाएंगे।
  जो लोग इन दिनों देश भर में परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक कराने के धंधे में लगे हुए हैं, वे उनकी सशुल्क सेवाएं लें।
संभव है कि उनमें से कुछ रत्नाकर, वाल्मीकि बनने को तैयार हो जाएं।कुछ वैसे समझदार माओवादियों की भी मदद ली जा सकती है जो जंगल के जीवन से ऊब चुके हों और मुख्य धारा में आना चाहते हैं।विभिन्न दलों के कुछ ईमानदार कार्यकत्र्ता भी काम आ सकते हैं जो सिर्फ विधायक -सांसद बनने के लिए राजनीति में नहीं हैं।
 यदि स्टिंग आपरेशन सफलता पूर्वक चल गया तो उन दस्तों को मिलाकर एक अखिल भारतीय राजनीतिक दल भी एक दिन बन सकता है।
जो दस्ता आज भ्रष्टाचार के राक्षस से ईमानदारी और साहस से लड़ता हुआ नजर आएगा,उसे समय आने पर इस देश के मतदाता हाथों -हाथ लेंगे।
क्योंकि लोगबाग इन दिनों भ्रष्टाचार व अपराध से सर्वाधिक पीडि़त हैं।
इस देश के ईमानदार मुख्य मंत्री व प्रधान मंत्री भी इस राक्षस को निर्णायक मात देने की स्थिति में नहीं हैं।क्योंकि वे रिस्क लेना नहीं चाहते।
  1967 में कुछ राज्यों में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के सत्ता में आने के बाद पार्टी के सर्वोच्च नेता डा.राम मनोहर लोहिया ने  अपने दल के नेताओं से कहा था कि ‘बिजली की तरह कौंधो  और सूरज की तरह स्थायी हो जाओ।’
 पर यह और बात है कि लोहियावादी ऐसा नहीं कर सके।  
 क्योंकि उन्हें भी लगता था कि रिस्क लेने से सत्ता हाथों से निकल जाएगी।
वैसे भी निकल ही गयी।
बाद में जो समाजवादी पार्टी सत्ता मंे आई भी वह लोहिया वाली पार्टी की छाया मात्र थी।बाद में तो वह छाया भी नहीं रही।
  क्या सूचना अधिकार कार्यकत्र्ता यह ऐतिहासिक भूमिका निभाएंगे ? याद रहे कि भ्रष्ट अफसर व अन्य लोग स्टिंग आपरेशन से उसी तरह घबराते हैं जिस तरह लाल कपड़े से सांड़। 
सफल स्टिंग आपरेशन का ताजा शिकार भोरे @ जिला -गोपाल गंज, बिहार@थाने का  ए.एस.आई.राम भरत प्रसाद है।
पर राम भरत तो बहुत छोटी मछली है ! 

@ 14 मार्च 2018@
     

कोई टिप्पणी नहीं: