बुधवार, 21 मार्च 2018

 सिटी आॅफ होप नेशनल मेडिकल सेंटर के एक शोध में पाया गया है कि दांतों के खराब स्वास्थ्य का मधुमेह से गहरा संबंध है।
 गांधी जी कहते थे कि बीमारी हमारे ही पापों का परिणाम है।
दांतों की देखभाल पर भी गांधी की बात लागू होती है।
मैंने खुद अपनी गलती से अपना एक दांत गंवा बैठा।
गलती सुधार कर 
 बाकी को अब तक बचाए रखा है।
मुख्यतः दो उपाय किए।
एक उपाय पूर्व बिहार विधान पार्षद रघुनाथ गुप्त ने बताया था।
उन्होंने कहा कि रोज ब्रश करने के बाद अपनी अंगुली से पांच मिनट तक मसूंड़ों की हल्की मालिश कीजिए।
पांच मिनट तो नहीं,पर दो मिनट जरूर करता हूंं।फायदा है।
दूसरा लाभ पतंजलि के दंत कांति एडवांस टूस्ट पेस्ट से हुआ।हालांकि उसी कंपनी के दंतकांति और दंतकांति मेडिकेटेड से कोई लाभ नहीं हुआ था।
सुबह के अलावा रात के भोजन के बाद ब्रश करने की आदत सी हो गयी है।
एक दंत चिकित्सक की राय है कि सुबह में नाश्ते के बाद ही ब्रश करें।हर तीन महीने पर ब्रश को बदल देने से भी लाभ होता है। 

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