शनिवार, 13 अप्रैल 2019

तब ‘अंतराष्ट्रीय कम्युनिस्ट’ हो गए थे हमारे देश के कुछ कम्युनिस्ट

1979 में दो कम्युनिस्ट देश चीन और वियतनाम के बीच भीषण युद्ध हुआ था। चीन के 26 हजार सैनिक मरे, 37 हजार घायल हुए। वियतनाम के 30 हजार मरे, 32 हजार घायल हुए। तब चीन के नागरिक चीन सरकार और वहां की सेना के साथ थे।

वियतनाम के नागरिक वियतनाम की सेना का हौसला बढ़ा रहे थे जबकि दोनों कम्युनिस्ट देश थे। पर, हमारे देश के कुछ कम्युनिस्ट तब ‘अंतराष्ट्रीय कम्युनिस्ट’ हो गए थे जब चीन ने हम पर हमला किया था।

1962 में चीन ने भारत पर हमला किया था। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी के आधे से अधिक नेताओं ने कहा कि चीन ने नहीं बल्कि भारत ने ही चीन पर हमला किया। जिन्होंने कहा, उन्हें सी.पी.आई. ने पार्टी से निकाल दिया। नेहरू सरकार ने उन्हें जेलों में डाल दिया। निष्कासित कम्युनिस्टों ने 1964 में सी.पी.एम. बनाई।

आज विभिन्न विचार धाराओं को मानने वाले अनेक भारतीय उसी पुरानी भूमिका में हैं जिस भूमिका में 1962 में अनेक कम्युनिस्ट थे। पर मोदी सरकार उनके प्रति नरम है।

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