वंशवादी दलों का उत्तराधिकार कैसे तय होता है ?
दलीय सुप्रीमो जिस परिजन की पीठ पर हाथ रख दे,उसे ही उस दल के नेता व उसके वोटर स्वीकार कर लेते हैं।
संजय गांधी के निधन के बाद इंदिरा गांधी ने मेनका के बदले राजीव गांधी को चुना जबकि मेनका, राजीव की अपेक्षा राजनीतिक रूप से अधिक समझदार थीं।
उससे पहले उस परिवार में विजयलक्ष्मी पंडित की जगह इंदिरा का चयन हो चुका था।स्वाभाविक है कि संतान को प्राथमिकता दी जाए !
बाल ठाकरे ने अपने पुत्र उद्धव को अपना उत्तराधिकारी बनाया जबकि भतीजे राज ठाकरे में अधिक तेजस्विता थी।शिव सैनिकों व वोटरों ने उद्धव को स्वीकार कर लिया।
करूणानिधि ने अलागिरी की जगह एम.के. स्टालिन को चुना
और पार्टी तथा वोट बैंक ने भी उसे स्वीकार कर लिया।
दलीय सुप्रीमो जिस परिजन की पीठ पर हाथ रख दे,उसे ही उस दल के नेता व उसके वोटर स्वीकार कर लेते हैं।
संजय गांधी के निधन के बाद इंदिरा गांधी ने मेनका के बदले राजीव गांधी को चुना जबकि मेनका, राजीव की अपेक्षा राजनीतिक रूप से अधिक समझदार थीं।
उससे पहले उस परिवार में विजयलक्ष्मी पंडित की जगह इंदिरा का चयन हो चुका था।स्वाभाविक है कि संतान को प्राथमिकता दी जाए !
बाल ठाकरे ने अपने पुत्र उद्धव को अपना उत्तराधिकारी बनाया जबकि भतीजे राज ठाकरे में अधिक तेजस्विता थी।शिव सैनिकों व वोटरों ने उद्धव को स्वीकार कर लिया।
करूणानिधि ने अलागिरी की जगह एम.के. स्टालिन को चुना
और पार्टी तथा वोट बैंक ने भी उसे स्वीकार कर लिया।
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