रविवार, 21 अप्रैल 2019

  बिहारी बाबू के मतदाता की विपत्ति में काम आए देवानंद
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धर्मदेव अपना।यही नाम है उनका।कथा लेखक हंै।बख्तियार पुर के निवासी।
यानी शत्रुघ्न सिन्हा के चुनाव क्षेत्र में मतदाता।
 कई साल पहले की बात है।
धर्मदेव जी के पुत्र कैंसर ग्रस्त हो गए।
पुत्र को लेकर परेशान धर्मदेव जी  मुम्बई पहुंचे।उन्होंने बिहारी बाबू के यहां फोन किया।
उनके यहां किसी शर्मा जी ने फोन उठाया।अपनी बात कही और अस्पताल में मदद की गुहार की।
 फिर भी कहा गया कि अभी शत्रु जी व्यस्त हैं।दो दिन बाद फोन कीजिए।
दो दिन बाद फोन किया तो भी अपने एम.पी.से धर्मदेव जी की बात नहीं हो सकी।
उधर से जवाब आया कि कहीं और से मदद ले लीजिए यहां से कुछ नहीं हो सकता।
  धर्मदेव जी संयोग से  फिल्म अभिनेता देवानंद से परिचित थे।उनके यहां संपर्क किया।
देवानंद ने नरगिस कैंसर अस्पताल में किसी गुप्त जी से कह दिया।
 धर्मदेव जी ने गुप्त जी से दिखवाया।धर्मदेव जी संतुष्ट हुए।
आज  धर्मदेव जी का मेरे यहां फोन आया।उन्होंने कहा कि मैं खुश हूं कि शत्रुघ्न सिन्हा को भाजपा से टिकट नहीं मिला।
मैं तो भाजपा का समर्थक हूं।पर, यदि शत्रुघ्न सिन्हा को टिकट मिलता तो मेरे सामने दुविधा होती कि ऐसे व्यक्ति को मैं कैसे वोट दूं ?



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