अखबार भी मुख्यतः तीन तरह के होते हैं।
भारत में भी हैं।
1.- शासक दल के समर्थक अखबार ।
2.-शासक दल के विरोधी अखबार।
3.-बीच- बीच के अखबार।
प्रदेश दर प्रदेश अखबारों की स्थिति बदलती रहती है।
हालांकि सारे अखबार खुद को निष्पक्ष बताते हैं।
इस महा चुनाव के दौरान एक बात पर गौर कीजिए।
अपने हाॅकर से पूछिए,किस अखबार का प्रसार बढ़ रहा है ?
किसका घट रहा है ?
सत्ता समर्थक अखबार बढ़ रहे हैं तो समझिए कि सत्ता जीतेगी।
सत्ता विरोधी अखबार बढ़ रहे हैं तो समझिए विरोधी दल जीतेंगे।
यह भी एक बढि़या ओपिनियन पोल है।
इसे आप घर बैठे कर सकते हैं।
मैंने इसे आजमाया है।नतीजा सटीक आया था।
मेरे मामले में संभव है कि संयोग रहा हो।
आप भी अनुभव करके देख लीजिए।
23 मई को आने वाले नतीजों से मिलाइए।
यदि सटीक आ जाए तो
आगे के चुनावों में भी इसे आजमाइए।
भारत में भी हैं।
1.- शासक दल के समर्थक अखबार ।
2.-शासक दल के विरोधी अखबार।
3.-बीच- बीच के अखबार।
प्रदेश दर प्रदेश अखबारों की स्थिति बदलती रहती है।
हालांकि सारे अखबार खुद को निष्पक्ष बताते हैं।
इस महा चुनाव के दौरान एक बात पर गौर कीजिए।
अपने हाॅकर से पूछिए,किस अखबार का प्रसार बढ़ रहा है ?
किसका घट रहा है ?
सत्ता समर्थक अखबार बढ़ रहे हैं तो समझिए कि सत्ता जीतेगी।
सत्ता विरोधी अखबार बढ़ रहे हैं तो समझिए विरोधी दल जीतेंगे।
यह भी एक बढि़या ओपिनियन पोल है।
इसे आप घर बैठे कर सकते हैं।
मैंने इसे आजमाया है।नतीजा सटीक आया था।
मेरे मामले में संभव है कि संयोग रहा हो।
आप भी अनुभव करके देख लीजिए।
23 मई को आने वाले नतीजों से मिलाइए।
यदि सटीक आ जाए तो
आगे के चुनावों में भी इसे आजमाइए।
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