खुद को पार्टी और दलीय अनुशासन से सदा ऊपर
समझने वाले कई ‘तीसमार खान’ नेताओं की औकात का पता
इस चुनाव में चल जाएगा।
कुछ को तो ‘टिकट याचना यात्रा’ के क्रम में ही यानी पहले ही पता चल चुका है।
बाकी की मदहोशी रिजल्ट के दिन गायब हो सकती है।
देखना है कि ऐसे लोगों में से, फिर भी, कितने अपनी मदहोशी यानी निजी व पारिवारिक लोकप्रियता का गुमान,व्यक्तिवाद और अहंकार कायम रखने में येन केन प्रकारेण सफल हो पाते हैं।
समझने वाले कई ‘तीसमार खान’ नेताओं की औकात का पता
इस चुनाव में चल जाएगा।
कुछ को तो ‘टिकट याचना यात्रा’ के क्रम में ही यानी पहले ही पता चल चुका है।
बाकी की मदहोशी रिजल्ट के दिन गायब हो सकती है।
देखना है कि ऐसे लोगों में से, फिर भी, कितने अपनी मदहोशी यानी निजी व पारिवारिक लोकप्रियता का गुमान,व्यक्तिवाद और अहंकार कायम रखने में येन केन प्रकारेण सफल हो पाते हैं।
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