डाकू-लुटेरे समान होंगे कलियुग
के राजे-महाराजे -शुक सागर
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श्रीशुकदेवजी कहते हैं --परीक्षित ! समय बड़ा बलवान है,
ज्यों -ज्यों घोर कलियुग आता जाएगा, त्यों-त्यों उत्तरोत्तर धर्म, सत्य, पवित्रता, क्षमा, दया, आयु, बल और स्मरणशक्ति का लोप होता जाएगा।
--कलियुग में जिसके पास धन होगा,उसी को लोग कुलीन, सदाचारी और सद्गुणी मानेंगे।
--जिसके हाथ में शक्ति होगी,वही धर्म और न्याय की व्यवस्था अपने अनुकूल करा लेगा।
---जो जितना छल-कपट करेगा,वह उतना ही
व्यवहार कुशल माना जाएगा।
---जो घूस देने या धन खर्च करने में असमर्थ होगा,उसे अदालतों से ठीक- ठीक न्याय न मिल सकेगा।
---सबसे बड़ा पुरुषार्थ होगा अपना पेट भर लेना।
---उस समय के नीच राजा अत्यंत निर्दय और क्रूर होंगे।
लोभी तो इतने होंगे कि उनमें और लुटेरों में कोई अंतर नहीं किया जा सकेगा।
वे प्रजा की पूंजी और पत्नियों तक को छीन लेंगे।
उनसे डर कर प्रजा पहाड़ों और जंगलों में भाग जाएगी।
--राजे-महाराजे डाकू-लुटेरों के समान हो जाएंगे।
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--अध्याय-कलियुग के धर्म - शुक सागर, पृष्ठ संख्या-935
गीता प्रेस,गोरख पुर।
के राजे-महाराजे -शुक सागर
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श्रीशुकदेवजी कहते हैं --परीक्षित ! समय बड़ा बलवान है,
ज्यों -ज्यों घोर कलियुग आता जाएगा, त्यों-त्यों उत्तरोत्तर धर्म, सत्य, पवित्रता, क्षमा, दया, आयु, बल और स्मरणशक्ति का लोप होता जाएगा।
--कलियुग में जिसके पास धन होगा,उसी को लोग कुलीन, सदाचारी और सद्गुणी मानेंगे।
--जिसके हाथ में शक्ति होगी,वही धर्म और न्याय की व्यवस्था अपने अनुकूल करा लेगा।
---जो जितना छल-कपट करेगा,वह उतना ही
व्यवहार कुशल माना जाएगा।
---जो घूस देने या धन खर्च करने में असमर्थ होगा,उसे अदालतों से ठीक- ठीक न्याय न मिल सकेगा।
---सबसे बड़ा पुरुषार्थ होगा अपना पेट भर लेना।
---उस समय के नीच राजा अत्यंत निर्दय और क्रूर होंगे।
लोभी तो इतने होंगे कि उनमें और लुटेरों में कोई अंतर नहीं किया जा सकेगा।
वे प्रजा की पूंजी और पत्नियों तक को छीन लेंगे।
उनसे डर कर प्रजा पहाड़ों और जंगलों में भाग जाएगी।
--राजे-महाराजे डाकू-लुटेरों के समान हो जाएंगे।
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--अध्याय-कलियुग के धर्म - शुक सागर, पृष्ठ संख्या-935
गीता प्रेस,गोरख पुर।
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