शनिवार, 20 अप्रैल 2019

मोरारजी देसाई की पुण्य तिथि पर
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    प्रधान मंत्री के रूप में  मोरारजी देसाई जब पटना आए थे तो वे रात में राज भवन की खुली जगह में ही मच्छरदानी लगा कर सो गए थे।तब सुना था कि उन्होंने  पंखा भी नहीं चलने दिया था।
तब कुछ लोगों को इस बात पर  आश्चर्य हुआ था कि उन्होंने एयर कंडीशनर का इस्तेमाल नहीं किया।
  आजादी की लड़ाई में तरह -तरह की तकलीफें झेलने के अभ्यस्त ऐसे गांधीवादी नेताओं की  साधारण जीवन शैली की कल्पना शायद आज की पीढ़ी को नहीं होगी।
आजादी के तत्काल बाद के कुछ नेता जब दिल्ली या अपने  राज्य से बाहर जाते थे तो वे अपने मित्र नेताओं व राजनीतिक कार्यकत्र्ताओं के आवास में टिकते थे।पर, बाद के वर्षों में वह परंपरा लगभग समाप्त हो गयी ।
उसके कई कारण थे।एक कारण तो बड़ा शर्मनाक था।कुछ लोग अनैतिक संबंधों की अफवाह फैलाने लगे।
 अपवादों को छोड़ दें तो आज तो अधिकतर दलों के  सामान्य राजनीतिक कार्यकत्र्तागण भी शीत ताप नियंत्रित जीवन शैली  के अभ्यस्त हो चुके हैं।
  आज अधिकतर नेताओं के लिए राजनीति, बेईमानी से भरे  व्यापार में परिणत हो चुकी है । राजशाही जैसी वंशवादी बन गई है।ऐसे में  ऐयाशी स्वाभाविक ही है।
  मोरारजी देसाई ने अपने लिए कोई निजी घर तक नहीं बनवाया।
जबकि उप समाहत्र्ता की नौकरी छोड़ कर आजादी की लड़ाई में कूदे थे।प्रधान मंत्री के रूप में सर्विस प्लेन से ही विदेश जाते थे,विशेष विमान से नहीं।
 सरकार के पैसे बचाने के लिए वे वैसा करते थे।
पर उस कारण अनेक पत्रकारों को विदेश यात्रा से वंचित रह जाना पड़ता था। 
नतीजतन कुछ नाराज पत्रकार उनकी मूत्र चिकित्सा को लेकर उनका मजाक उड़ाते रहते थे।
  तब घनश्याम पंकज समाचार भारती के पटना ब्यूरो प्रमुख थे।
 प्रधान मंत्री मोरारजी देसाई मास्को जाने वाले थे।पत्रकारों ने जब साथ ले चलने का उनसे आग्रह किया तो मोरार जी ने कहा कि तुम्हारे संस्थान खर्च नहीं देंगे ? तुम भी अपने खर्च से सर्विस विमान से चलो।मैं तुम सब के लिए जनता का पैसा बड़े विमान पर क्यों खर्च करूं ?
पंकज जी समाचार भारती के खर्चे पर सर्विस विमान से मास्को गए थे।लौटकर पंकज जी ने  दैनिक ‘आज’ के पटना आॅफिस में उस यात्रा का रोचक  संस्मरण सुनाया था। तब मैं आज में काम करता था।ऐसे थे मोरारजी भाई।
जीवन के आखिरी दिनों में  जब एक मुकदमे के कारण मुम्बई के उनके किराए के मकान को भी उन्हें खाली करना पड़ा तो इस बेघर पूर्व प्रधान मंत्री के लिए शरद पवार के रहने की व्यवस्था कराई थी।
  इस बीच कुछ  अन्य पूर्व प्रधान मंत्रियों,पूर्व उप प्रधान मंत्रियों,पूर्व केंद्रीय मंत्रियों व पूर्व मुख्य मंत्रियों  और उनके रिश्तेदारों कीे अपार धन दौलत की खबरें समय- समय पर पढ़ते जाइए !
याद रहे कि मोरारजी भाई बारी -बारी से इन सभी पदों पर बैठ चुके थे।खुद का बैठकखाना यानी घर नहीं बनवा सके क्योंकि वेतन के पैसों से घर बनाना संभव नहीं हुआ।

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