शनिवार, 29 दिसंबर 2018

भ्रष्टों को फांसी क्यों नहीं ? !



भारत सरकार ने बच्चों के यौन शोषण पर
मौत की सजा का प्रावधान करने का कल निर्णय
 किया है।
हत्या सहित कुछ अन्य अपराधों में भी इस देश में फांसी 
का प्रावधान है।
 पर इस गरीब देश में सरकारी भ्रष्टाचार के अपराध में फांसी का प्रावधान बहुत जरूरी हो गया है।
दरअसल सरकारी धन लूटने की प्रवृति इतनी तीव्र है कि मामूली सजाएं उस प्रवृति पर काबू  पाने में बुरी तरह 
 असमर्थ हैं।
भ्रष्टाचार के लिए फांसी का कानूनी प्रावधान  दुनिया के 
जिन देशों में अभी है,उनके नाम हैं-
चीन,
इरान,
इराक,
मोरक्को,
म्यांमार ,
वियतनाम,
लाओस,
थाइलैंड,
इंडोनेशिया 
और नाॅर्थ कोरिया।
दरअसल अमीर देश का सरकारी  भ्रष्टाचार वहां की सुख -सुविधाओं में थोड़ी कमी  कर देता है।पर, भारत जैसे गरीब देश का सरकारी  भ्रष्टाचार कई बार अनेक गरीब व पिछड़े समुदाय के लोगों की मौत का कारण बनता है।
बताइए इस देश के कितने प्राथमिक चिकित्सा केंद्र में इलाज की संतोषप्रद व्यवस्था है ? अधिकतर केंद्रों में नहीं है।क्योंकि सरकार कहती है कि हमारे पास उतने पैसे नहीं हैं।
दूसरी ओर आपके टैक्स के पैसों की कैसी लूट मची रहती है,यह हर जागरूक भारतीय जानता है। 
  1985 में तो तत्कालीन प्रधान मंत्री राजीव गांधी ने ही कह दिया था कि हम 100 पैसे दिल्ली से भेजते हैं,पर उसमें से सिर्फ 15 पैसे ही जनता तक पहुंच पाते हैं।
इस मामले में आज की स्थिति क्या है, यह मैं नहीं जानता।पर 2014 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सरकारी अफसर पूछते हैं कि ‘इसमें मेरा क्या ?’
जब जवाब मिलता है कि आपको कुछ नहीं मिलेगा तो वे कहते हैं कि ‘तो मुझे क्या ?’
यानी हम यह काम नहीं करेंगे।भले ही यह जनहित का हो।
आम लोग अच्छी तरह जानते हैं कि भ्रष्टाचार के मामले में  देश भर के सरकारी दफ्तरों में वास्तविक स्थिति क्या है।
मेरी तो राय है कि इस बार वोट मांगने जो आपके पास जाए,उससे यही कहिए कि पहले वादा करो कि भ्रष्टों के लिए फांसी वाला कानून बनाओगे।देखिए उस पर उम्मीदवार क्या कहता है !  

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