मंगलवार, 18 दिसंबर 2018

 भिखारी ठाकुर के बारे में एक संस्मरण यह भी ! यह संस्मरण मुझे राम दयाल सिंह ने सुनाया था।
राम दयाल सिंह अत्यंत विनम्र और प्रतिबद्ध समाजवादी नेता  थे । 1977 में संदेश से जनता पार्टी के विधायक भी बने थे।
 वे एक दफा  कर्पूरी ठाकुर के साथ उत्तर बिहार से पटना लौट रहे थे।
पहलेजा घाट पहुंचने पर उन लोगों को पता चला कि रात का अंतिम स्टीमर जा चुका है।
 रात में पहलेजा घाट पर पुआल पर दोनों सो गए।जाड़े की रात थी।
सुबह उठकर कर्पूरी जी शौच के लिए दूर खेत में चले गए।
इस बीच ‘घूरा’ यानी  आग के पास कुछ ग्रामीणों से राम दयाल बाबू बातंे करने लगे।
कर्पूरी जी के प्रति राम दयाल जी के श्रद्धाभाव को देख कर एक ग्रामीण को लगा कि यह जरूर कोई बड़े आदमी हैं।
ग्रामीण-इ के बाड़न ?
राम दयाल जी-कर्पूरी ठाकुर हैंं।
ग्रामीण -कहां के हैं और कौन जात हैं ?
राम दयाल बाबू-बिहार के मुख्य मंत्री रह चुके हैं।हज्जाम में इतना बड़ा व्यक्ति कोई और नहीं हुआ ?
ग्रामीण-भिखारियो ठाकुर से बड़का आदमी ़ बाड़न ?
अब इस पर राम दयाल बाबू क्या बोतले ! वैसे भी तब तक कर्पूरी जी पास आते दिखाई पड़ गए थे। 


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