मंगलवार, 11 दिसंबर 2018

जैसी कार्रवाई मोदी सरकार ने क्रिश्चियन मिशेल और विजय माल्या के खिलाफ की,वैसी ही कार्रवाई यदि बोफर्स दलाल क्वात्रोचि और भोपाल गैस कांड के अपराधी वारेन एंडरसन के खिलाफ  कांग्रेसी सरकारों ने की  होती तो कांग्रेस केंद्र की सत्ता से आज बाहर नहीं होती।
  ये कांड तो प्रतीकात्मक हैं जो किसी सरकार की मंशा उजागर करते हैं।
  अपने निधन से ठीक पहले  मधु लिमये ने ‘हिन्दू’ के अपने लेख में कहा था कि इस देश को सुधरी हुई कांग्रेस ही बेहतर ढंग से चला सकती है।
पर मधु लिमये की सदिच्छा पूरी नहीं हुई।लगता है कि आगे भी पूरी नहीं होगी भले इस बीच कांग्रेस को एक बार फिर सत्ता मिल जाए।
  अब तो जांच एजेंसियों की सफलता इस बात में है कि वह माल्या से यह पूछे कि उसका किन-किन  नेताओं ने शोषण किया और किन हस्तियों ने बैंकों को फोन करके उसे लोन दिलवाया।साथ ही उसे विदेश भागने में किसकी मदद मिली।  

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