शुक्रवार, 28 दिसंबर 2018

बिहार के कुछ सांसदों के कुछ अशोभनीय कारनामे



बिहार के कुछ सांसदों ने किस तरह समय-समय पर सदन की गरिमा को ठेस पहंुचाई,उसके कुछ ही उदाहरण यहां पेश हैं।
ऐसा नहीं कि अन्य राज्यों के सांसद ऐसा नहीं करते।
पर जब हमारे राज्य के करते हैं तो मुझे तो शर्म आती है।आपको भी ?
  साठ के दशक की बात है।पूर्वी बिहार के एक दबंग सांसद ने लोक सभा में जे.बी.कृपलानी को सी.आई.ए. का एजेंट कह दिया।
नेहरू के कटु आलोचकों के लिए प्रधानमंत्री के भक्तों के पास यही शब्द होता था।ऐसा नहीं कि उस समय भक्त नहीं हुआ करते थे।
मीडिया में भी होते थे।
वह उस समय की सबसे बड़ी राजनीतिक गाली मानी जाती थी।
देशभक्त कृपलानी को उस शब्द से गहरा सदमा लगा।वे बीमार हो गए।अस्पताल पहुंचाए गए।
जवाहरलाल नेहरू उन्हें देखने अस्पताल पहुंचे।
  बाद में नेहरू ने उस सांसद को बुला भेजा।उस सांसद को लगा कि खुश होकर पंडित जी बुला रहे हैं।अब राज्य मंत्री पद तो पक्का !
पर पंडित जी वैसे नेता नहीं थे जिस तरह के नेता बाद में उनके ही दल में हुए।
 सांसद महोदय वैसा कपड़ा पहन तीनमूत्र्ति भवन  गए जैसा पहन कर शपथ लेने के लिए राष्ट्रपति भवन जाया जाता है।
  पर उल्टा पड़ा।नेहरू ने उन्हें इतना डांटा कि किसी और को ऐसा कहने की बाद में हिम्मत नहीं हुई।कम से कम नेहरू के जीवन काल में।
नब्बे के दशक में बिहार के दो बाहुबली सांसद सदन में ही आपस में मारपीट पर उतारू हो गए।हाथापाई हो गयी।किसी तरह बीच -बिचाव करके स्थिति को और शर्मनाक होने से बचाया गया।
 तब गुजराल प्रधान मंत्री थे। 
  इस घटना पर ‘राजनीति के अपराधीकरण व भ्रष्टाचार’ आदि पर करीब एक सप्ताह तक दोनों सदनों ने खूब घडि़याली आंसू बहाए।बुराइयों को ठीक करने के लिए  प्रस्ताव पास हुआ।पूरे एक सप्ताह सदन में कोई दूसरा काम नहीं हुआ था।
पर बाद में व्यवहार में हुआ कुछ नहीं।बल्कि स्थिति और बिगड़ती चली गयी।
एक दिन तो बिहार के ही परस्पर विरोधी दलों के दो सांसदों ने आपस में ऐसी गंदी गाली -गलौज की जैसा पहले कभी नहीं हुआ था।
  एक बार तो मध्य बिहार के एक सासंद ने स्पीकर के हाथ से महिला विधेयक की काॅपी छीन ली।
 हाल के वर्षों में जो कुछ हो रहा है,वह सब तो लोगों के दिल ओ दिमाग पर ताजा है।
  कुछ साल पहले बिहार की ही एक महिला सांसद ने सदन में ही कह दिया था कि हम तो सदन में शांति चाहते हैं,पर हमारी पार्टी के नेता कहते हैं कि हंगामा करो।    

कोई टिप्पणी नहीं: