परिवार में सुख-शांति के बारे में न्यूज-18 बिहार के संपादक प्रभाकर कुमार ने एक अच्छा सवाल पूछा।सवाल हास्य-व्यंग्य के बेताज बादशाह सुरेंद्र शर्मा से था।
सवाल से भी बेहतर जवाब था।
सुरेंद्र शर्मा ने जो कुछ कहा,उसका आशय यह था कि परिवार का मुखिया पत्नी,बच्चे और परिवार के लिए जो कुछ करता है,वह उसका कत्र्तव्य है।
पत्नी,बच्चे और परिवार उस मुखिया के लिए जो कुछ करते हंै, वह सब परिवार के मुखिया पर उनका एहसान है।
जो मुखिया ऐसा मान कर चलेगा,उसके परिवार में सुख -शांति बनी रहेगी।
सवाल से भी बेहतर जवाब था।
सुरेंद्र शर्मा ने जो कुछ कहा,उसका आशय यह था कि परिवार का मुखिया पत्नी,बच्चे और परिवार के लिए जो कुछ करता है,वह उसका कत्र्तव्य है।
पत्नी,बच्चे और परिवार उस मुखिया के लिए जो कुछ करते हंै, वह सब परिवार के मुखिया पर उनका एहसान है।
जो मुखिया ऐसा मान कर चलेगा,उसके परिवार में सुख -शांति बनी रहेगी।
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