मंगलवार, 11 दिसंबर 2018

लंबे अंतराल के बाद आज मैं नगर पटना गया था।
जितने घंटे रहा, हवाएं मुझे जबरन ‘सिगरेट’ पिलाती रहीं।
 स्थिति ऐसी थी कि नाक पर रखा मेरा बेचारा रूमाल प्रदूषित हवा को छानने में  बुरी तरह फेल कर गया।
 हवा में सिगरेट के धुआं जैसी ही दुर्गंध !
  पहले मोटर साइकिल-स्कूटर सवारों को ‘नोज एयर फिल्टर’ लगाए देखता था।उनकी संख्या तो बढ़ ही रही है।
 इस बार देखा कि फ्रेजर रोड यानी मजहरूल हक पथ पर  पर कुछ पैदल यात्री भी लगाए घूम रहे थे।क्या दारूण स्थिति है ! 
आने वाले दिनों में और क्या होने वाला है ?
हाल में पटना के मशहूर पारस अस्पताल ने टै्रफिक जवानों केे बीच बेहतर क्वालिटी के नोज एयर फिल्टर बांटे।
  आज मौर्य लोक मार्केट काम्प्लैक्स में एक जवान को मोटर साइकिल की सीट पर बैठकर सिगरेट पीते देखा।
हिम्मत नहीं हुई अन्यथा कहता कि ‘अरे भई, सिगरेट पर खर्च क्यों कर रहे हो ? क्या आपके आसपास सिगरेट के धुएं की कोई कमी है ?’
 खैर, अब जरा चीन चलें।एक खबर हाल में आई कि वहां के महानगर से भीड़भाड़ कम करने के लिए बड़े संस्थान महानगर  
से बाहर स्थानांतरित किए जा रहे हैं।
 याद रहे कि अधिक लोग यानी अधिक गाडि़यां यानी अधिक प्रदूषण ! 
दरअसल हमारा देश तो जरा देर से चेतता है !

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