हिन्दुस्तान पटना लाइव ने आज एक बहुत अच्छी खबर दी है।
खबर का शीर्षक है --‘ बोरिंग रोड ः शौचालयों की कमी,ऊपर से मेंटेनेंस भी नहीं।’
दरअसल यही हालत पूरे पटना की है।
पता नहीं, इस खबर से संबंधित सत्तासीनों को शर्म आएगी या नहीं ! ?
इस देश के एक पूर्व प्रधान मंत्री को मुम्बई में एक बार ऐसी जगह अनशन पर बैठा दिया गया जहां पेशाब करने की सुविधा नहीं थी।बार- बार सड़क के किनारे बैठकर पेशाब करना उन्हें अच्छा नहीं लगा।इसलिए पूरे अनशन के दौरान उन्होंने पानी कम पिया।नतीजतन उनकी किडनी खराब हो गयी।उनका असमय निधन हो गया।
कम से कम उस घटना के बाद नगर निकायों के महा प्रभुओं और सरकारों को चेतना चाहिए था।
पर आज पटना ही नहीं देश के अधिकतर नगरों में इस मामले में हालत खराब है।
मैं भी इसी समस्या के कारण नगर का कई जरूरी काम टालता रहता हूं।
खैर बोरिंग रोड के बड़े दुकानदारों को छोडि़ए,वे तो अपना इंतजाम कर ही लेते होंगे,पर उन दुकानों के कर्मचारियों की हालत की कल्पना कीजिए।
वे बेचारे लंबे घंटे काम करते हैं।कहां जाते होंगे हल्का होने के लिए ?
खबर का शीर्षक है --‘ बोरिंग रोड ः शौचालयों की कमी,ऊपर से मेंटेनेंस भी नहीं।’
दरअसल यही हालत पूरे पटना की है।
पता नहीं, इस खबर से संबंधित सत्तासीनों को शर्म आएगी या नहीं ! ?
इस देश के एक पूर्व प्रधान मंत्री को मुम्बई में एक बार ऐसी जगह अनशन पर बैठा दिया गया जहां पेशाब करने की सुविधा नहीं थी।बार- बार सड़क के किनारे बैठकर पेशाब करना उन्हें अच्छा नहीं लगा।इसलिए पूरे अनशन के दौरान उन्होंने पानी कम पिया।नतीजतन उनकी किडनी खराब हो गयी।उनका असमय निधन हो गया।
कम से कम उस घटना के बाद नगर निकायों के महा प्रभुओं और सरकारों को चेतना चाहिए था।
पर आज पटना ही नहीं देश के अधिकतर नगरों में इस मामले में हालत खराब है।
मैं भी इसी समस्या के कारण नगर का कई जरूरी काम टालता रहता हूं।
खैर बोरिंग रोड के बड़े दुकानदारों को छोडि़ए,वे तो अपना इंतजाम कर ही लेते होंगे,पर उन दुकानों के कर्मचारियों की हालत की कल्पना कीजिए।
वे बेचारे लंबे घंटे काम करते हैं।कहां जाते होंगे हल्का होने के लिए ?
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